हिंदी भाषा से ही है भारत की पहचान: राज्यपाल
सोलन के संस्कृत कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय हिंदी साहित्य सम्मेलन का संपन्न हो गया। इस सम्मेलन में देशभर के साहित्यकारों ने भाग लिया और देश के ज्वंलत मुद्दों पर चर्चा की। कार्यक्रम के समापन पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। राज्यप
सोलन के संस्कृत कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय हिंदी साहित्य सम्मेलन का संपन्न हो गया। इस सम्मेलन में देशभर के साहित्यकारों ने भाग लिया और देश के ज्वंलत मुद्दों पर चर्चा की। कार्यक्रम के समापन पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। राज्यपाल ने साहित्यकारों को पुरस्कार पत्र देकर सम्मानित किया।
HIMACHAL DASTAK के अनुसार, राज्यपाल ने कहा कि हिंदी हमारे देश व समाज की आत्मा है और भारत की पहचान हिंदी से ही है। दत्तात्रेय ने कहा कि विश्व का प्रत्येक देश मातृभाषा को अपनी पहचान के रूप में परिभाषित करता है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी सीखना भी आवश्यक है, लेकिन अंग्रेजी के लिए हमें अपनी राजभाषा को नहीं भूलना चाहिए। विश्व के 132 से भी अधिक देशों में हिंदी भाषा विद्यमान है। इस दिशा में हिंदी सिनेमा का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि हिंदी की शब्द संपदा 10 हजार शब्दों से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व में हिंदी के दूत बनकर उभरे हैं। उन्होंने आग्रह किया कि विश्व की विभिन्न तकनीकों को हिंदी के माध्यम से देश के जन-जन तक पहुंचाया जाना चाहिए।
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