भारत में अगले दो महीने में आएगी नई टेस्ट किट, वायरस को किया गया आइसोलेट
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का कहना है कि भारत में अगले दो महीनों के अंदर
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का कहना है कि भारत में अगले दो महीनों के अंदर नए सीरोलॉजिकल डायग्नोस्टिक परीक्षण किट का निर्माण शुरू होने की संभावना है, क्योंकि अनुसंधान एजेंसियों ने वायरस को अलग-थलग (आइसोलेट) किया हुआ है।
अमर उजाला के अनुसार, आईसीएमआर के मुख्य महामारी विज्ञानी और संचारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरआर गंगाखेड़कर ने कहा कि एक बार वायरस के अलग-थलग हो जाने पर इसे डायग्नोस्टिक किट, दवाओं और टीकों के विकास के लिए अनुसंधान को आगे ले जाने में मदद मिलती है और भारत उस दिशा में काम कर रहा है। डॉक्टर गंगाखेड़कर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले एक से दो महीनों में भारत में कम से कम एक सीरोलॉजिकल डायग्नोस्टिक परीक्षण किट बन जाएगी।
बता दें कि सीरोलॉजिकल परीक्षण ऐसे परीक्षण को कहते हैं जो खून में एंटीबॉडी की तलाश करके बीमारियों का निदान करने में मदद करते हैं। इसी बीच सार्स-कोव2 और कोविड-19 के अनुसंधान और विकास पर तेजी से फैसले लेने के लिए सरकार ने वीके पॉल और प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन की सह-विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति का गठन किया है। समिति वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और अन्य विज्ञान एजेंसियों, वैज्ञानिकों, उद्योगों और नियामक निकायों के साथ समन्वय में काम करेगी, ताकि वे बीमारी के समाधानों पर तुरंत निर्णय ले सकें।
aXA6IDMuMTQ1LjE2LjkwIA== ejasoft island