आरबीआई ने घटाई रिवर्स रेपो रेट, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उठाए ये जरूरी कदम
आरबीआई के ने हाल में जो कदम उठाए हैं उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है. प्रधानमंत्री ने कहा यह कदम छोटे कारोबारियों, किसानों और गरीब तबकों के लिए फायदेमंद होगा
आरबीआई के ने हाल में जो कदम उठाए हैं उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है. प्रधानमंत्री ने कहा यह कदम छोटे कारोबारियों, किसानों और गरीब तबकों के लिए फायदेमंद होगा. अब आपको थोड़ा डिटेल में ले जाते हैं कि आखिर RBI के कदमों से फायदा किस तरह से होगा- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि नकदी की कमी नहीं होने दी जाएगी. दरअसल, पुरानी सुस्ती से ही अर्थव्यवस्था उबरी नहीं थी और सरकार और आरबीआई नकदी बढ़ा कर जान डालने की कोशिश कर रहे थे. इसी बीच कोरोना, सुनामी की तरह आया और सारी कवायद न सिर्फ पीछे हो गई, बल्कि नेगेटिव दिशा में चली गई.
खुद शक्तिकांत दास मान रहे हैं कि विश्व की इकोनॉमी को 9 ट्रिलियन डॉलर का साल भर में नुकसान हो जाएगा, जबकि स्टेट बैंक की रिसर्च कहती है कि भारत की अर्थव्यवस्था में 12 लाख करोड़ रुपए डालने पर ही अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी. ऐसे में RBI ने जो किया है वो ठप पड़े बिजनेस को चला कर अर्थव्यवस्था का पहिया शुरू करने की तरफ बढ़ाया गया कदम है. एक झटके में आरबीआई ने 1 लाख करोड़ रुपए की नकदी सिस्टम में डालने की बात कही. ये नकदी बैंकों और वित्त संस्थाओं द्वारा लोन बांटने की प्रोसेस से आएगी या फिर Non Banking Finnace Company या Micro Finance Institutions के बांड डिवेंचर में निवेश के जरिए ये साफ नहीं है.
आरबीआई ने NBARAD, SIDBI, NHB के लिए 50,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है ताकि वो आगे लोन के लिए दे सकें. नाबार्ड एग्रीकल्चर फाइनेंस देता है, सिडबी MSME को देता है, नेशनल हाउसिंग बैंक National Housing Bank यानी NHB हाउसिंग सेक्टर को फाइनेंस करता है. NBFC ने रियल एस्टेट सेक्टर को जो लोन दिया है उसका हिसाब किताब 1 साल देरी से शुरू माना जा सकता है यानी अप्रत्याशित घटना के आधार पर उन्हें 1 साल की मोहलत मिली है.
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