भारत: एमएसएमई के पास वेतन के लिए पैसे नहीं, गडकरी बोले, कंपनियां जल्द करें बकाया भुगतान
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र ने मंगलवार को कहा कि उसके पास अप्रैल महीने का वेतन देने के लिए नकदी नहीं है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र ने मंगलवार को कहा कि उसके पास अप्रैल महीने का वेतन देने के लिए नकदी नहीं है। लॉकडाउन में कामकाज पूरी तरह ठप होने से जरूरी खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है। इस बीच केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने सभी कंपनियों से क्षेत्र का बकाया भुगतान जल्द करने को कहा है। फिक्की के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गडकरी ने कहा कि एमएसएमई के पास पूंजी तरलता बढ़ाने के लिए बड़े उद्योगों को जल्द बकाया भुगतान करना चाहिए। इसके अलावा सरकार एमएसएमई को ज्यादा कर्ज दिलाने और महज 1.5 फीसदी प्रीमियम पर इसकी गारंटी लेने पर भी काम कर रही है।
अमर उजाला के अनुसार, सरकार 8-10 दिन के भीतर इसका टर्नओवर बढ़ाने के आदेश भी जारी करेगी जिससे कवरेज और बढ़ जाएगा। इससे पहले निर्यात संगठन फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने पैकेज की मांग करते हुए कहा कि एमएसएमई निर्यातकों के पास अप्रैल का वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने भी सरकार से पीएसयू पर बाकी क्षेत्र का बकाया जल्द दिलाने की अपील की है। गडकरी ने रियल एस्टेट क्षेत्र के सदस्यों से एकमुश्त राहत पैकेज पर प्रस्ताव मांगा है।
क्रेडाई-एमसीएचआई सदस्यों के साथ बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डेवलपर्स के साथ आ रही मुश्किलों को केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर सुलझाएंगी। इस पर क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष नयन शाह ने कहा कि एकमुश्त राहत पैकेज के साथ क्षेत्र को जीएसटी दरों में बदलाव और खरीदारों को भी कम ब्याज की दरकार होगी। फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा, लॉकडाउन से देश को 40 हजार करोड़ का रोजाना नुकसान हो रहा और अप्रैल-सितंबर तक 4 करोड़ नौकरियों पर खतरा रहेगा। सीआईआई अध्यक्ष ने कहा कि कुछ उद्योगों में कामकाज शुरू करने के संकेतों से राहत की उम्मीद लग रही है। एसोचैम महासचिव दीपक सूद ने कहा कि समय काफी चुनौतीपूर्ण है और उद्योगों को वेतन सहित अन्य जरूरी खर्च चलाने मुश्किल हो रहे हैं।
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