वाशिंगटन: साल 2070 तक विलुप्त होने की कगार पर होंगे एक तिहाई पौधे और पशु, वैज्ञानिकों ने किया आगाह
जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनियाभर में 2070 तक पशु और पौधों की एक तिहाई प्रजातियां विलुप्ति की कगार
जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनियाभर में 2070 तक पशु और पौधों की एक तिहाई प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर पहुंच जाएंगी। एक अध्ययन में इस बात का दावा किया गया है। अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ एरीजोना के शोधकर्ताओं ने आने वाले 50 सालों में जलवायु परिवर्तन से होने वाले प्रभावों का आकलन किया है। शोधकर्ताओं ने जलवायु परिवर्तन से वर्तमान में पड़ रहे प्रभाव, भविष्य को लेकर किए गए विभिन्न अनुमानों के आधार पर यह आकलन किया है।
दैनिक जागरण ने 'पीएनएएस' नामक पत्रिका में प्रकाशित लेख के हवाले से कहा कि उनके परिणाम दुनियाभर में सैकड़ों प्रजातियों के पौधों और जानवरों पर सर्वेक्षण पर आधारित है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में दुनियाभर की 581 साइटों पर 538 प्रजातियों के डाटा का विश्लेषण किया। इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि एक से ज्यादा साइटों पर 44 प्रतिशत प्रजातियां पहले से ही विलुप्ति की कगार पर हैं।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ रहा तापमान भी पौधों और जंतुओं की विलुप्ति के लिए जिम्मेदार है। शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर अधिकतम तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो जाए तो 50 प्रतिशत प्रजातियों के विलुप्त होने की संभावना है। वहीं, अगर अधिकतम तापमान में 2.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो जाए तो 95 प्रतिशत प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर आ जाएंगी।
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