ब्रिटिश साँसद ने कहा ”मैं भी रोज़े रखूँगा” रमजान उल मुबारक की परम्परा के हुए कायल
दुनियाभर में रमजान उल मुबारक का मुक़द्दस महीना शुरू हो चुका है,देशभर के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने दुनिया को इस पवित्र महीने की मुबारकबाद दी है
दुनियाभर में रमजान उल मुबारक का मुक़द्दस महीना शुरू हो चुका है,देशभर के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने दुनिया को इस पवित्र महीने की मुबारकबाद दी है, इस्लाम का पवित्र महीना रमज़ान शुरू हो गया है. इस महीने में मुस्लिम समाज के लोग रोज़े रखते हैं और इबादत करते हैं।
The Inquilaab के अनुसार, मुसलमानों के अलावा कई दूसरे धर्म को मानने वाले लोग भी रोज़े रखते हैं,कई बार ये रोज़े महज़ इसलिए होते हैं क्यूंकि वो अपने किसी मुस्लिम साथी का सम्मान करना चाहते हैं तो कई बार इसलिए भी होते हैं क्यूंकि उन्हें ये परम्परा बहुत पसंद आती है.ब्रिटिश सांसद पॉल ब्रिस्टो भी रमज़ान की परम्परा से बेहद ख़ुश हैं और इसलिए वो भी रमज़ान महीने के पहले हफ़्ते में रोज़े रखेंगे।
उन्होंने कहा कि वो मुस्लिम नहीं हैं लेकिन उनके लिए ये महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि उनके शहर पीटरबरौ में 20000 मुसलमान रहते हैं और वो उनके साथ अपना अनुभव बाँटना चाहते हैं.
ब्रिटिश सांसद पॉल ब्रिस्टो भी रमज़ान की परम्परा से बेहद ख़ुश हैं और इसलिए वो भी रमज़ान महीने के पहले हफ़्ते में रोज़े रखेंगे.
कंज़रवेटिव पार्टी के नेता ब्रिस्टो ने बताया कि मुसलमान हालाँकि रमज़ान में रोज़े इसलिए रखेंगे क्यूंकि ये उनके धर्म का हिस्सा है लेकिन सेल्फ़-डिसिप्लिन, सैकरीफ़ाइस, और सहानुभूति सभी को समझने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि ये किसी धर्म तक सीमित चीज़ नहीं है. पीटर ने कहा कि हालाँकि ये उनकी मानसिक क्षमता का टेस्ट होगा, ये साथ ही अपनेपन का एहसास भी कराता है।
उन्होंने कहा कि वो एक वीडियो डायरी बनायेंगे जिसमें वो अपने रोज़ों को रिकॉर्ड करेंगे.
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