एंटीबॉडीज टेस्ट से कोरोनावायरस का पता नहीं चलता, 14 में से सिर्फ तीन टेस्ट दे रहे हैं भरोसेमंद रिजल्ट

अमेरिका में शटडाउन के बाद एक बार फिर सबकुछ खोलने पर विचार हो रहा है। ऐसे में एंटीबॉडीज टेस्ट को इसमें मददगार माना जा रहा है।
अमेरिका में शटडाउन के बाद एक बार फिर सबकुछ खोलने पर विचार हो रहा है। ऐसे में एंटीबॉडीज टेस्ट को इसमें मददगार माना जा रहा है। हालांकि इस टेस्ट में कई परेशानियां भी हैं। एक स्टडी के मुताबिक अब तक हुए कई एंटीबॉडी टेस्ट के रिजल्ट गलत आए हैं। दरअसल, इस टेस्ट के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि व्यक्ति कोरोना की चेपट में आ सकता है कि नहीं। दैनिक भास्कर के अनुसार, अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि इस वक्त का सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि हम दोबारा कब काम पर वापस जा सकेंगे। ऐसे में एंटीबॉडीज टेस्ट जिसे सेरोलॉजिकल टेस्ट भी कहा जाता है, कठिन समय में हमारे लिए मददगार हो सकता है।'
क्या होता है एंटीबॉडी टेस्ट, यह कैसे काम करता है?
• जब आप किसी वायरस के संपर्क में आते हैं तो आपका शरीर ब्ल्ड और टिश्यू में रहने वाली एंटीबॉडीज बनाने लगता है। ये एंटीबॉडीज प्रोटीन होते हैं, जो वायरस को शरीर में फैलने से रोकते हैं। टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जाता है कि शरीर इन्हें बना रहा है या नहीं। अगर यह मौजूद हैं तो यह संभावना बढ़ जाती है कि आप कोविड-19 के संपर्क में आ चुके हैं।
• माउंट सिनाई हेल्थ सिस्टम के क्लीनिकल लैबोरेट्रीज और ट्रांसफ्यूजन सर्विसेज के डायरेक्टर डॉक्टर जैफरी झांग बताते हैं कि आमतौर पर एंटीबॉडीज बनने में एक हफ्ते से 14 दिन तक का समय लेती हैं। इनका स्तर इम्यून सिस्टम और संपर्क में आने के समय पर निर्भर करता है। हालांकि कम एंटीबॉडीज होने का यह मतलब भी नहीं है कि आप संक्रमित नहीं हैं। यह एक आम ब्ल्ड टेस्ट की तरह ही होता है।
अगर एंटीबॉडीज हैं, तो मैं वायरस से लड़ सकता हूं?
• पुख्ता तौर पर यह नहीं कह सकते। क्योंकि एंटीबॉडी टेस्ट से कोविड 19 के खिलाफ इम्यूनिटी का पता नहीं लगता है। ऐसा कहना बहुत जल्दी होगा कि एंटीबॉडीज से इम्यूनिटी का पता चलता है। क्योंकि यह नया वायरस है। हालांकि कुछ एक्स्पर्ट्स ने सार्स समेत दूसरे वायरसों के अनुभवों के आधार पर यह बताया है कि एंटीबॉडीज का होना कुछ सुरक्षा तो देता है। लेकिन यह साफ नहीं है कि कितने वक्त तक।
• डॉक्टर झांग के मुताबिक परेशानी यह है कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जो यह बताए की एंटीबॉडीज दोबारा बीमार होने से बचा सकते हैं। मुझे लगता है कि कई लोग सोचते हैं कि कई मामलों में एंटीबॉडीज सुरक्षा प्रदान करेगी।'
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