लेटस उगाकर नासा ने किया अध्ययन, कहा- अब सब्जियां भी खाएंगे अंतरिक्ष यात्री
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आइएसएस) में उगाई गई सब्जियों के अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों का दावा है कि वे धरती पर उगने वाली सब्जियों के समान ही पौष्टिक हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक बड़ी सफलता हासिल कर ली है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आइएसएस) में उगाई गई सब्जियों के अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों का दावा है कि वे धरती पर उगने वाली सब्जियों के समान ही पौष्टिक हैं। यानी स्पष्ट है कि अब अंतरिक्ष यात्रियों को पैकट बंद फूड पर ही निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वे अंतरिक्ष में भी ताजी सब्जियां उगाकर उनका सेवन कर पाएंगे। वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष आइएसएस पर उगाए गए लेटस के आधार निकाला है। बंद गोभी की प्रजाति की लेटस का इस्तेमाल आमतौर पर सलाद और बर्गर बनाने के लिए किया जाता है। जर्नल 'फ्रंटियर इन प्लांट साइंस' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, अंतरिक्ष में उगाई गई लेटस माइक्रोब्स के कारण होने वाली बीमारियों से रहित होने के साथ-साथ खाने में भी सुरक्षित है।
दैनिक जागरण के अनुसार, अमेरिका में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर की शोधकर्ता क्रिस्टीना खोदादाद ने कहा, ' पृथ्वी के मुकाबले कम गुरुत्वाकर्षण और अत्यधिक तीव्र विकिरण में उगने के बाद भी लेटस पौष्टिक है।' उन्होंने कहा कि आमतौैर पर अंतरिक्ष यात्री किसी भी मिशन पर रवाना होने से पहले अपने साथ फल, नट, चॉकलेट, पीनट बटर, चिकन और बीफ को संसाधित कर ले जाते हैं। लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण उन्हें स्टोर में रखा रूखा-सूखा भोजन करना पड़ता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अंतरिक्ष यात्री अब अपनी डाइट में लेटस को भी शामिल कर पाएंगे। इससे उन्हें पोटेशियम के साथ-साथ विटामिन के, बी1 और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में मिल सकता है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 340 दिन बिताने का रिकॉर्ड बना चुके अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री स्कॉट केली ने कहा कि अंतरिक्ष मिशन के दौरान हर दूसरे या तीसरे माह मेरे पास ताजी सब्जियां और फल पहुंचाए जाते थे। लेकिन भावी मंगल मिशन पर यह संभव नहीं होगा। इस समस्या से निपटने के लिए वैज्ञानिक अंतरिक्ष में बगीचा बनाना चाहते हैं ताकि पैकेट बंद आहार पर अंतरिक्ष यात्रियों की निर्भरता खत्म हो। इसके लिए मिर्च के पौधे का चयन किया गया है। पृथ्वी पर अंतरिक्ष की तरह के वातावरण में इस पौधे को उगाने का परीक्षण जारी है। जल्द ही इसे अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो आगे चलकर अंतरिक्ष में टमाटर और स्ट्राबेरी के साथ आलू आदि उगाने के रास्ते भी खुल जाएंगे।