कोविड-19: डब्लूएचओ ने कहा कि वायरस के खतरे को समझें, खुद को अजेय ना मानें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने युवाओं को कोरोना वायरस से फैली बीमारी के खतरे से आगाह करते हुए कहा है कि वे खुद को अजेय न समझें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने युवाओं को कोरोना वायरस से फैली बीमारी के खतरे से आगाह करते हुए कहा है कि वे खुद को अजेय न समझें। डब्लूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहैनम घेबे्रयिसस ने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि इस महामारी ने पूरी दुनिया में लोगों की जिंदगी बदल कर रख दी है। बड़ी आबादी की गतिविधियां थम गई हैं। स्कूल, कालेज, दफ्तर और व्यवसाय बंद हो गये हैं। लाखों लोग घर से काम करने को मजबूर हैं, जबकि कई पूरी तरह से अपनी जीविका खो चुके हैं। इस वक्त दुनिया भर में सबसे खराब हालात इटली के हैं। यहां चीन से भी ज्यादा 4,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया भर में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की तादाद 11,000 से अधिक हो चुकी है। बुजुर्गों पर इस वायरस का ज्यादा कहर टूटा है। लेकिन इसके शिकार होने में युवा भी पीछे नहीं हैं।
दैनिक जागरण के अनुसार, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, कि मेरे पास युवाओं के लिए एक ही संदेश है आप अजेय नहीं हैं। यह वायरस आपको हफ्तों तक अस्पताल में रख सकता है,यहां तक कि यह आपको मार भी सकता है। अगर आप खुद बीमार नहीं पड़ते लेकिन कहीं जाते हैं किसी से मिलते हैं, तो आप उनके लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संयम से इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसे हराने के लिए एकजुटता महत्वपूर्ण है। देशों के ही नहीं बल्कि समूहों में भी एकजुटता जरूरी है।
इस बीमारी से बुजुर्ग सर्वाधिक प्रभावित हैं, लेकिन युवा भी पीछे नहीं। कई देशों के अनुभव से पता चलता है बुजुर्ग मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत ज्यादा पड़ी। डब्लूएचओ के प्रमुख ने कहा कि यदि किसी को लॉकडाउन करने की नौबत आती है तो उसे उस दौरान अच्छी आदतों का पालन करना चाहिये। उसे कसरत करना चाहिये। लोगों से दूरी बनाकर रहना चाहिये और धूमपान आदि नहीं करना चाहिऐ। उन्होंने यह भी सलाह दी कि लोगों को केवल कोरोनोवायरस के आंकड़ों और संभावित उपचारों के बारे में विश्वसनीय जानकारी पर ही भरोसा करना चाहिए।
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