नई क्रांति की इबारत रच रहे हैं कृषि वैज्ञानिक, ताकि गेहूं उत्पादन में भारत बने नंबर वन
देश में नई गेहूं क्रांति ला रहे भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों की रिसर्च हर कसौटी पर खरी साबित हो रही है।
पानीपत। देश में नई गेहूं क्रांति ला रहे भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों की रिसर्च हर कसौटी पर खरी साबित हो रही है।पानीपत। देश में नई गेहूं क्रांति ला रहे भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों की रिसर्च हर कसौटी पर खरी साबित हो रही है। यहां विकसित प्रजातियां न केवल पौष्टिकता के मापदंडों पर सर्वोत्कृष्ट हैं, बल्कि खाने का स्वाद बढ़ाने में भी उनका कोई सानी नहीं है। बीते कुछ वर्षों में एक के बाद एक प्रजातियां ला रहे इन विज्ञानियों के अथक परिश्रम का ही कमाल है कि आज पूरे भारत के कुल गेहूं रकबे में 60 प्रतिशत पैदावार इन्हीं प्रजातियों की है।
दैनिक जागरण के अनुसार, संस्थान ने ऐसी 48 उन्नत प्रजातियां विकसित की हैं, जो भारत सरकार के 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के मिशन में बहुपयोगी साबित हो रही हैं। इससे भारत को गेहूं उत्पादन में नंबर वन बनाने का लक्ष्य भी जल्द हासिल होने की उम्मीद है।
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